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Housefull 5: हाउसफुल 5 की रिलीज और शूटिंग डेट से उठा पर्दा, फिल्म की कास्टिंग पर चल रहा काम

जॉन और अभिषेक ने काम करने से इनकार किया

सूत्रों के अनुसार साजिद नाडियाडवाला और अक्षय ने फिल्म साइन करने के लिए अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम से संपर्क किया था। हालांकि अभिषेक और जॉन ने डेट इश्यू के चलते मना कर दिया। हालांकि दोनों एक्टर हाउसफुल 5 के लिए बोर्ड पर आने के लिए बहुत इच्छुक थे, लेकिन वे फिल्म की शूटिंग के लिए बड़ी संख्या में अपनी डेट्स देने में सक्षम नहीं थे।

2010 में आई थी ‘हाउसफुल’

मेकर्स ने रितेश देशमुख से संपर्क किया है। वह हाउसफ़ुल की सभी चार पार्ट में काम किए हैं। फिल्म का पहला भाग 2010 में रिलीज हुआ था। उसमें अक्षय, रितेश, लारा दत्ता, दीपिका पादुकोण, अर्जुन रामपाल और बोमन ईरानी थे। फिल्म हिट हुई थी। इसका सीक्वल हाउसफुल 2 2012 में आई और हिट रही थी। इसमें अक्षय, रितेश, जॉन अब्राहम, श्रेयस तलपड़े, जैकलिन फर्नांडीज, ऋषि कपूर, रणधीर कपूर, मिथुन चक्रवर्ती और असिन मुख्य भूमिका में थे। दोनों भागों का निर्देशन साजिद खान ने किया था। तीसरे पार्ट में अक्षय, अभिषेक बच्चन, रितेश, जैकलीन फर्नांडीज, नरगिस फाखरी, लिसा हेडन, चंकी पांडे और जैकी श्रॉफ थे। वहीं, चौथे पार्ट में अक्षय, रितेश, बॉबी देओल, कृति सेनन, पूजा हेगड़े और कृति खरबंदा मुख्य भूमिका में थे।

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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। अक्षय कुमार एक और हिट कॉमेडी फ्रेंचाइजी हाउसफुल का 5वां भाग लेकर आ रहे हैं। अक्षय ने हाउसफुल 5 का ऑफिशियल अनाउंसमेंट जून में किया था। तरुण मनसुखानी के निर्देशन में बनने वाली यह फिल्म अगली दिवाली के दौरान रिलीज होगी। इस मेगाबजट फिल्म की कास्टिंग पर काम चल रहा है। मेकर्स ने हाउसफुल 5 की शूटिंग जनवरी में शुरू करने की प्लानिंग की है। हाउसफुल फ्रेंचाइजी अक्षय और साजिद दोनों के दिल के करीब है। उन्हें फिल्म के लिए ऐसा प्लॉट मिला है, जो इसकी मैडनेस को और ज्यादा बढ़ाएगा। मेकर्स ने हाउसफुल 5 के लिए स्क्रिप्ट फइनल की है । 15 जनवरी से पहले शेड्यूल के साथ फिल्म को फ्लोर पर ले जाने के लिए फिल्म का प्री-प्रोडक्शन पर काम चल रहा।

रेबीज – Rabies in Hindi

रेबीज़ एक न्यूरो इनवेसिव (Neuro-Invasive) वायरल बीमारी है। रेबीज़ का वायरस तंत्रिका तंत्र यानि सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) पर अटैक करता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य नहीं रह पाता।

क्यों होता है रेबीज़ – Causes of Rabies in Hindi

रेबीज़ (Rabies​) कुत्तों या अन्य पशुओं जैसे भेड़िया, लोमड़ी, सियार, गीदड़ चमगादड़, भेड़, गाय, बन्दर, घोड़ा, बिल्ली के काटने से होने वाला रोग है । पालतू जानवर के थूक के संपर्क में आने पर भी रेबीज़ रोग हो सकता है।

रेबीज़ से होने वाली मौतें – Death Due to Rabies​ in Hindi

विश्व स्वास्थ्य संगठन की तालिका में रेबीज़ (Rabies​) से होने वाली मौतें बारहवें क्रम पर हैं। विश्व में जानवरों के काटने के चालीस लाख मामले प्रतिवर्ष होते हैं। इलाज की अज्ञानता अथवा उपचार के अभाव में साठ हजार मौतें विश्व में प्रतिवर्ष होती हैं। सर्वाधिक मौतें एशिया में होती हैं। पशुओं के काटने के पाँच लाख मामले प्रतिवर्ष दर्ज कराए जाते हैं, जिनमें चार लाख पच्चीस हजार मामले कुत्तों के काटने के होते है। 

रेबीज के लक्षण – Rabies Symptoms in Hindi

  • गले की मांस पेशियों में खिंचाव पैदा हो जाता है
  • पीड़ित व्यक्ति कुत्ते की तरह भौंकने भी लगता है
  • बेचैनी, आंशिक पक्षाघात, भ्रम, अनिद्रा और निगलने में कठिनाई आदि कुछ अन्य लक्षण हैं
  • रेबीज का शिकार बने जानवरों का दिमागी संतुलन बिगड़ने लगता है
  • रेबीज हो जाने पर मरीज पानी से डरने लगता है

रेबीज के कारण – Rabies Causes in Hindi

रेबीज पशुओं के काटने के कारण होता है। पालतू जानवर, कुत्ते, बिल्ली या चमकादड़ के काटने से सबसे अधिक रेबीज़ होता है। 

रेबीज का इलाज – Rabies Treatment in Hindi

रेबीज से बचाव के लिए जरूरी है इसके बारें में जानकारी होना। रेबीज़ (Rabies) अकसर पशुओं के काटने के कारण होता है, साथ ही ऐसे में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह सिर्फ काटने ही नहीं छिलने के कारण भी होता है। रेबीज़ होने पर निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए: 

  • पशुओं के काटने पर काटे गए स्थान को पानी व साबुन से अच्छी तरह धो देना चाहिए।
  • धोने के बाद काटे गए स्थान पर अच्छी तरह से टिंचर या पोवोडीन आयोडिन लगाना चाहिए। ऐसा करने से कुत्ते या अन्य पशुओं की लार में पाए जाने वाले कीटाणु सिरोटाइपवन लायसा वायरस की ग्यालकोप्रोटिन की परतें घुल जाती हैं। इससे रोग की मार एक बड़े हद तक कम हो जाती है, जो रोगी के बचाव में सहायक होती है।
  • इसके तुरंत बाद रोगी को टिटेनस का इंजेक्शन लगवाकर चिकित्सालय में ले जाना चाहिए। यहाँ चिकित्सक की सलाह से काटे गए स्थान पर कार्बोलिक एसिड लगाया जाता है, जिससे अधिकतम कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
  • इसके बाद चिकित्सक की सलाह पर आवश्यकतानुसार इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जो तीन या दस दिन की अवधि के होते हैं।
  • तत्पश्चात आवश्यकतानुसार निश्चित दिनों पर बुस्टर डोज भी दिए जाने का प्रावधान है, जो चिकित्सक के विवेक व काटे गए पशु की जीवित या मृत होने की अवस्था पर निर्भर करते हैं।
  • इंजेक्शन लगाने की क्रमबद्धता में लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है।
  • इस रोग का प्रकोप पशु के काटने के तीन दिन के बाद व तीन वर्ष के भीतर कभी भी हो सकता है। 

पित्त (पित्ताशय) की पथरी – Gallbladder Stones (Gallstones) in Hindi

पित्त (पित्ताशय) की पथरी के बारे में – About Gallbladder Stone in Hindi

पित्ताशय (Gall Bladder) पित्त (Bile) भंडारण के लिए एक छोटी सी थैली है (पित्त जिगर द्वारा उत्पादित एक पाचक रस है जो खाने में मौजूद वसा के टूटने में प्रयोग किया जाता है)। पित्ताशय में वसायुक्त खाद्य पदार्थों की मात्र अधिक होने से पित्ताशय की पथरी (कोलेस्ट्रॉल, पित्त वर्णक और कैल्शियम लवण से बना छोटा सा पत्थर) का निर्माण होता है।

गॉलस्टोन्स या पथरी पाचन तंत्र की एक आम बीमारी है, और अधिकतर 50 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित होते थे, परन्तु वर्तमान जीवन शैली के कारण, खास तौर पर खान पान की आदतों के कारण, युवा वर्ग भी इस तकलीफ से पीड़ित होने लगा है। पित्ताशय की पथरी (pathari ) पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती हैं।

पित्त (पित्ताशय) की पथरी के प्रकार – Types of Gallstones in Hindi

  • मिश्रित पत्थर – कोलेस्ट्रॉल और नमक से बने पत्थर
  • कोलेस्ट्रॉल पत्थर – मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल ,एक वसा की तरह के पदार्थ का बना हुआ होता है।
  • र्णक पत्थर – पित्त रंग में हरे भूरे रंग का है , विशेष पिगमेंट के कारण वसा की तरह के पदार्थ का बना हुआ होता है
  • पित्त में कोलेस्ट्रॉल संचय, पित्ताशय की पथरी का मुख्य कारण है। 

पित्त (पित्ताशय) की पथरी के लक्षण – Gallbladder Stones Symptoms in Hindi

  • दर्द छाती, कंधे, गर्दन में भी फैल सकता है
  • पेट और पीठ में अचानक दर्द उठना
  • वसायुक्त भोजन खाने के बाद पेट के दर्द में तेजी आना, पीलिया, बुखार

पित्त (पित्ताशय) की पथरी के कारण – Causes of Gallstones in Hindi

  • पित्त में कोलेस्ट्रॉल की अत्यधिकता (Over Saturation)
  • पित्त में लेसिथिन
  • और पित्त लवण की कम आपूर्ति (Undersupply)।  

पित्त (पित्ताशय) की पथरी का इलाज – Gallbladder Stones Treatment in Hindi

पित्ताशय की पथरी किसी भी समस्याओं का कारण नहीं है लेकिन यदि पित्ताशय की पथरी संक्रमण पैदा कर रहा है तो आपरेशन जरूरी है।  

पित्ताशय की पथरी किसी भी समस्याओं का कारण नहीं है लेकिन यदि पित्ताशय की पथरी संक्रमण पैदा कर रहा है तो आपरेशन जरूरी है।  

पित्ताशय की पथरी किसी भी समस्याओं का कारण नहीं है लेकिन यदि पित्ताशय की पथरी संक्रमण पैदा कर रहा है तो आपरेशन जरूरी है।  

पित्ताशय की पथरी किसी भी समस्याओं का कारण नहीं है लेकिन यदि पित्ताशय की पथरी संक्रमण पैदा कर रहा है तो आपरेशन जरूरी है।  

पित्ताशय की पथरी किसी भी समस्याओं का कारण नहीं है लेकिन यदि पित्ताशय की पथरी संक्रमण पैदा कर रहा है तो आपरेशन जरूरी है।  

डिस्लेक्सिया (वाकविकार) – Dyslexia (Vakvikar) in Hindi

डिस्लेक्सिया (वाकविकार) के बारे में – About Dyslexia (Vakvikar) in Hindi

डिस्लेक्सिया कोई बीमारी नहीं है और न ही यह कोई मानसिक अयोग्यता है। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) पढ़ने-लिखने से संबंधी एक विकार है, जिसमें बच्चों को शब्दों को पहचानने, पढ़ने, याद करने और बोलने में परेशानी आती है। वे कुछ अक्षरों और शब्दों को उल्टा पढ़ते हैं और कुछ अक्षरों का उच्चारण भी नहीं कर पाते। उनकी पढ़ने की रफ्तार और बच्चों की अपेक्षा काफी कम होती है।

यह विकार ३-१५ साल के सामान्य जनसंख्या के लगभग ३% बच्चों में पाया जाता है। कई माता-पिता डिस्लेक्सिया को मानसिक रोग से जोड़ते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। डिस्लेक्सिया को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।

डिस्लेक्सिया (वाकविकार) के लक्षण – Dyslexia (Vakvikar) Symptoms in Hindi

अगर आपका बच्चा इनमें से एक या दो परेशानियों से गुजर रहा है और वो स्थायी समस्या नहीं हों तो थोड़ी मदद से ही बच्चे को राहत मिल सकती है, चाहे वो घर पर की गई मदद हो या कक्षा में

  • उच्चारण साफ नहीं होना
  • उत्तेजित रहना
  • कविता वाले शब्दों में दिक्कत
  • काफी थका होना या एकाग्रता (एक चीज़ पर ध्यान लगाने) में कमी
  • गिनती, शब्द, दिन और महीनों के नाम समझने में दिक्कत
  • दाएं और बांए में अंतर समझने में दिक्कत होना
  • दिशा और निर्देश समझने में परेशानी
  • दूसरे बच्चों के मुकाबले देर से बोलना शुरु करना
  • नंबरों के क्रम और गणित के चिन्हों में उलझन
  • नई चीजें सीखने में देरी
  • पढ़ाई के दौरान शब्दों की गलतियां लगातार करना
  • प्राइमरी पढ़ाई के दौरान लक्षण पढ़ने
  • बातचीत करने में दिक्कत
  • बिना सोच विचार के कार्य करना या किसी कार्य को करने योजना नहीं बनाना
  • यदि घर पर आप अपने बच्चे के व्यवहार के बारे में सतर्क हैं तो शिक्षकों से जानकारी लीजिए कि क्या स्कूल में भी वो ऐसा ही व्यवहार करता है.
  • लोगों से बोलचाल करने में दिक्कत, अपने आसपास की चीजों के प्रति असंवेदनशीलता जिसके कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है
  • वर्णमाला और संख्या को सीखने में दिक्कत होना
  • शब्दों और ध्वनि के मेल को काफी देर से समझना
  • शब्दों का मतलब समझने में देरी, ज्यादातर सही शब्दों को नहीं पकड़ पाना
  • शब्दों की पहचान में दिक्कत जैसे (b/d), उल्टे (m/w), मिलते जुलते (felt/left) और वैकल्पिक (house/home) शब्द
  • समय के बारे में याद रखने की कमी
  • स्कूल से पहले के लक्षण

डिस्लेक्सिया (वाकविकार) के कारण – Dyslexia (Vakvikar) Causes in Hindi

  • वंशानुगत (Herediatary), यह तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की समस्या है, जो जन्म पूर्व कारकों पर निर्भर करती हैं। 
  • माता के संतुलित आहार की कमी, धूम्रपान का सेवन भी इसके कारण हो सकते हैं।
  • बच्चों में कुपोषण भी इसका एक बड़ा कारण है।

डिस्लेक्सिया (वाकविकार) का इलाज – Dyslexia (Vakvikar) Treatment in Hindi

  • कुछ केस में बच्चे के जन्म से पहले ही डिस्लेक्सिया का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में डॉक्टर उन गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने की सलाह के साथ साथ कुछ विशेष दवाओं से संबंधित सलाह देते हैं।
  • जिन मामलों में जन्म के बाद डिस्लेक्सिया का पता लगता है, उन बच्चों को ज्यादा समय देकर संभाला जा सकता है। इन बच्चों की समझ धीमी होती है, इसलिए इन्हें ज्यादा समय देने की आवश्यकता होती है।
  • डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों के साथ अपना पढ़ने का अपना तरीका बदलें, चीजों को आसान करके बताएं, तोड़-तोड़कर समझाएं। चित्रों और कहानियों का सहारा लें। जिन अक्षरों को पहचानने और लिखने में समस्या होती है, उन्हें बार-बार लिखवाए।
  • वोकेशनल ट्रेनिंग कराएं।

Fukra Insaan के भाई Nischay Malhan ने Ruchika Rathore संग की शादी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। बिग बॉस ओटीटी 2 फेम अभिषेक मल्हान के घर में शादी की शहनाई गूंज चुकी है उनके बड़े भाई ने शादी कर है। जो की एक यूट्यूब हैं उन्हें ट्रिगर्ड इंसान के नाम से जाना जाता है। हालांकि उनका असली नाम निश्चय मल्हान है। अब वो शादी के बंधन में बंध गए है। अब उनकी शादी की तस्वीर लगातार वायरल हो रही है और फैंस  उन्हें बधाई दे रहे हैं। 

निश्चय मल्हार ने शेयर की तस्वीरें 

निश्चय मल्हान ने अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड रुचिका राठौड़ संग सात फेरे लिए। कपल ने खुद अपनी शादी की खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर इस खुशखबरी का ऐलान किया है।अपनी इन फोटोज के कैप्शन में कपल ने फॉरएवर लिखा है। आपको बता दें कि, निश्चय और रुचिका की पहली मुलाकात 2018 में कॉलेज के दिनों में हुई थी। इसके बाद से ही दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू किया। पिछले साल दिसंबर में उनकी इंगेजमेंट भी हुई थी। बता दें कि, निश्चय मल्हान एक यूटूबर है वो अक्सर नई नई वीडियो से फैंस का दिल जीतते रहते हैं। वहीं उनकी पत्नी रुचिका राठौर भी कंटेंट क्रिएटर और वीडियो एडिटर हैं। वह ब्यूटी फैशन सेंस और लाइफस्टाइल के वीडिये के लिए पॉपुलर हैं। इंस्टाग्राम पर रुचिका के 1.4 मिलियन फॉलोअर्स हैं। 

ऐसा था कपल का लुक 

शादी के दिन रुचिका ने लाल रंग का लहंगा पहना, जिसमें वह बेहद खूबसूरत नजर आईं। इसके साथ उन्होंने काफी हैवी ज्वेलरी भी पहनी हुई थी जो उनके लुक को और भी आकर्षक बना रहा था। उन्होंने पारंपरिक ब्राइडल बन के बजाय खुले बालों का स्टाइल चुना। वहीं, निश्चय ने ऑफ व्हाइट शेरवानी पहनी, जिसमें वह हैंडसम दिख रहे थे। सोशल मीडिया पर इस जोड़े को उनके फैंस और कई प्रसिद्ध यूट्यूबर्स से बधाइयां मिल रही हैं।

भाई अभिषेक मल्हार ने भी शेयर किया पोस्ट 

बड़े भाई निश्चय मल्हान की शादी के बाद अभिषेक मल्हान ने सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीर शेयर करते हुए स्टोरी लगाई है। तस्वीर के साथ फुकरा इंसान ने कैप्शन भी लिखा, शादी शुदा ट्रिगु।

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गठिया (आर्थराइटिस) के घरेलू उपाय – Home Remedies for Arthritis in Hindi

उम्र बढ़ने पर अक्‍सर लोगों को गठिया की शिकायत होने लगती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बॉडी में यूरिक एसिड की अधिकता होना होता है। जब बॉडी में यूरिक एसिड ज्‍यादा हो जाता है तो वह शरीर के जोड़ों में छोटे- छोटे क्रिस्‍टल के रूप में जमा होने लगता है इसी कारण जोड़ों में दर्द और ऐंठन होती है। गठिया को कई स्‍थानों पर आमवत भी कहा जाता है।

रायबरेली के बारे में जानकारी – Raebareli in Hindi

उत्तर प्रदेश के रायबरेली शहर को अंग्रेजों ने सन् 1858 में बसाया था। माना जाता है कि इस शहर को “भर” (एक समुदाय) द्वारा खोजा गया था और उन्ही के नाम से इसे “भरौली” या “बरौली” कहा जाता था। जिसे बाद में बदलकर बरेली किया गया। शहर में ही स्थित एक गाँव राही से बने शब्द “राय” को बरेली से जोड़कर इसे अंततः रायबरेली कर दिया गया। राय उपसर्ग के पीछे एक और कथा प्रचलित है जिसमें कहा जाता है कि उस समय के कायस्थ मुखियाओं को “राय” की उपाधि दी जाती थी, जिसके फलस्वरूप शहर का नाम रायबरेली किया गया। साईं नदी के तट पर स्थित यह शहर, उत्तर प्रदेश राज्य का व्यापारिक प्रदेश भी है। डलमऊ, इंदिरा गाँधी स्मारक वानस्पतिक उद्यान (Botanical Garden), समसपुर पक्षी विहार, बेहटा पुल, नसीराबाद, जायस आदि यहाँ के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

रायबरेली कैसे पहुंचें –

रायबरेली हवाई अड्डा शहर का निकटतम हवाई अड्डा है। रायबरेली जंक्शन रेलवे स्टेशन से रायबरेली पहुंचा जा सकता है तथा यह शहर दिल्ली, जयपुर शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रायबरेली घूमने का समय –

रायबरेली घूमने का उचित समय अक्टूबर से जनवरी है।

उरई के बारे में जानकारी – Orai in Hindi

उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित ‘उरई’ शहर को प्राचीनकाल में ‘उद्यालक नगरी’ के नाम से जाना जाता था। इस शहर का नाम ऋषि उद्यालक के नाम पर रखा गया जिन्होंने यहाँ तपस्या की थी। यहाँ आटा, मैदा, सूजी, दलिया आदि पदार्थों का उत्पादन किया जाता है। माहिल तालाब, बेरी वाले बाबा, थाड़ेश्वरी मंदिर, मोनी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, रामकुंड आदि यहाँ के दर्शनीय स्थल हैं।

उरई कैसे पहुंचें –

उरई शहर का निकटतम एयरपोर्ट कानपुर हवाई अड्डा है। उरई रेलवे स्टेशन से उरई पहुंच सकते हैं तथा यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 25 (NH 25 ) पर स्थित है।

उरई घूमने का समय –

उरई जाने के लिए सही समय अक्टूबर से मार्च है।