मिथक: मधुमेह एक संक्रामक रोग है।
तथ्य: मधुमेह एक संक्रामक रोग नहीं है। मधुमेह एक अंतःस्रावी ग्रंथि से जुड़ी बीमारी है जो अग्न्याशय में बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित अधिक इंसुलिन के कारण जन्म लेती है। मधुमेह पीढ़ी दर पीढ़ी फैलने वाली एक बीमारी है।
मिथक: मीठे का अधिक सेवन मधुमेह का कारण बन सकता है।
तथ्य: टाइप 1 मधुमेह, अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादक कोशिकाओं के विनाश के कारण होता है तथा मीठे का अधिक सेवन मधुमेह के रोग का कारण नहीं है। जब इंसुलिन में सामान्य रुप से प्रतिक्रिया देनी की क्षमता नहीं रहती तो यह टाइप 2 मधुमेह का कारण बनता है। ज्यादातर मामलों में टाइप 2 मधुमेह आनुवंशिक कारणों से होता है परंतु नियमित व्यायाम एवं सही खान- पान की मदद से मधुमेह के रोगी सीमित मात्रा में मिठाई खा सकते हैं।
मिथक: मधुमेह के रोगी कभी मीठा नहीं खा सकते।
तथ्य: मधुमेह के रोगियों को कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मुश्किल होती है, जिसका प्रभाव उनके पूरे शरीर पर पड़ता है। मधुमेह के रोगियों को मीठे का सेवन बहुत नियमित रुप से करना चाहिए तथा उन्हें सही समय पर दवा लेने की एवं कसरत करने की आवश्यकता है। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और उसमें शर्करा का स्तर भी बना रहेगा तथा आप इस बीमारी की जटिलता से भी बचे रहेंगे।
मिथक: कम कार्बोहाइड्रेट वाली खुराक मधुमेह ग्रस्त लोगों के लिए अच्छी होती है।
तथ्य: कार्बोहाइड्रेट को शरीर के लिए ऊर्जा के स्त्रोत के तौर पर तरजीह दी जाती है। कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन प्रोटीन और वसा से भरपूर होता है। उच्च वसा तथा उच्च प्रोटीन वाली खुराक से दिल और गुर्दे की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। मधुमेह ग्रस्त रोगियों को भी ऐसी भोजन योजना बनानी चाहिए जिससे उन्हें कार्बोहाइड्रेट सेवन को संतुलित करने में मदद मिले, इसके साथ साथ उन्हें मधुमेह नियंत्रण हेतु चिकित्सा व व्यायाम को भी अपनाना चाहिए।
मिथक: थोड़ा सा कंट्रोल करने पर आपको चेकअप की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तथ्य: मधुमेह एक गंभीर बीमारी है। इसे काबू में करने के लिए आपको नियमित आहार व कसरत के साथ-साथ दवा लेने की भी जरूरत है। आप भले ही शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सफल हो जाएं लेकिन यह चेकअप से बचने का कोई कारण नहीं है।