मानव शरीर के अवयव और ऊतक कोशिकाओं (सेल) से बने होते हैं। कैंसर इन कोशिकाओं का एक रोग है। ब्रेस्ट कैंसर दुनिया में तेजी से फैलने वाली खतरनाक बीमारियों में से एक है। ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) या स्तन कैंसर की अधिकतर रोगी महिलाएं होती हैं। पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है।
कब होता है स्तन कैंसर – About Breast Cancer in Hindi
ब्रेस्ट चर्बी (Fat), सहायक ऊतकों (Supporting Muscles) और लसीकाओ वाले ऊतकों (Lymphatic Tissues) के बने होते हैं, जिनमें लोब (Lobe) होते हैं। स्तन कैंसर तब होता जब स्तन वाहिकाओं और लोब की कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार हमारा शरीर कोशिकाओं से बना होता है जो समय-समय पर टूटते और बनते हैं। यह क्रम बेहद नियंत्रित तौर पर होता है।
लेकिन जब कोशिकाओं के टूटने और बनने की प्रकिया अनियंत्रित हो जाती है और नई कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा बन जाती हैं, तब उस जगह एक गांठ बन जाती है। जब यह कोशिकाएं या सेल्स इकठ्ठा हो कर बड़ा रूप धारण कर लेती हैं तब यह ट्यूमर में बदल जाती हैं।
ट्यूमर दो तरह के हो सकते हैं – बिनाइन और मैलिग्नेंट। इनमें से बिनाइन ट्यूमर (गांठ) तो गैर-कैंसरस होती है लेकिन मैलिग्नेंट ट्यूमर को कैंसरस माना जाता है। इस चीज का पता जांच से किया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण – Breast cancer Symptoms in Hindi
स्तनों के बारे में जान लेने का सरल तरीका है T L C यानि T – TOUCH Your Breasts (अपने स्तनों को छुएं) क्या आपको कुछ असामान्य लगता है? क्या आप स्तन में, छाती के ऊपरी हिस्से में, या बगलो में कोई गाँठ (Lump) महसूस करती हैं? क्या आपको स्तनों के ऊपर कोई परत महसूस होती है जो हटती नहीं? क्या स्तनों में साधारण सा दर्द है। L – LOOK for changes (कुछ बदलाव तो नही लगता) क्या स्तनों के आकर या बनावट ( shape or texture) में कोई बदलाव है? क्या स्तनों के आकर या आकृति (size or shape) में कोई बदलाव है (कोई एक स्तन दूसरे के मुकाबले छोटा या बड़ा हैं)?
स्तनों की त्वचा की बनावट में कोई बदलाव जैसे फ़टी फ़टी सी या कोई गड्डा सा पड़ जाना? रंग में बदलाव जैसे की निप्पल्स के आसपास सुर्ख लाल रंग.हो जाना? क्या निप्पल की दिशा सही है, कहीं वह अंदर की तरफ तो नही मुड़ गया है? किसी भी निप्पल से तरल पदार्ध का रिसना? निप्पल के आस पास किसी प्रदार्थ का रिसना या पपड़ी का जमना? C – CHECK any unusual findings with your doctor (कुछ असामान्य सा महसूस हो तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें) क्या आपको कुछ असामान्य या अलग सा महसूस हो रहा है?
अगर ऐसा है तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें। समय समय पर अपने स्तनों की जांच स्वयं करते रहें ऐसा करने से आप उनमे सामान्य तौर पर आने वाले बदलावों और असामान्य बदलाव के बारे में जान जायेंगे, अक्सर मासिक धर्म (Menses) के समय स्तनों में कुछ बदलाव अवश्य आता है। लक्षणों के उभरने का इंतज़ार न करें, नियमित रूप से स्तनों की जांच करवाएं। यह सर्वविदित है कि रोकथाम इलाज़ से बेहतर है
ब्रेस्ट कैंसर के कारण – Breast cancer Causes in Hindi
कई लोग मानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर अनुवांशिक होता है जो पूरी तरह सही तथ्य नहीं है। स्तन या ब्रेस्ट कैंसर के कुछ अहम कारण निम्न हैं:
- आयु-स्तन कैंसर होने का जोखिम आयु के साथ बढ़ता है।
- यदि आपको पहले कैंसर या स्तन का कोई अन्य रोग हुआ हो।
- पारिवारिक इतिहास – केवल 5–10% स्तन कैंसर ही अनुवांशिक रूप से प्राप्त जीन के कारण होते हैं।
स्तन कैंसर का खतरा किन महिलाओं को ज्यादा होता है?
- अधिक उम्र की महिलाएं।
- जिन महिलाओं की मां, बहन या बेटी को स्तन कैंसर हुआ हो
- जन्म के समय से ही क्रोमोज़ोम (गुणसूत्रो) में बदलाव हो।
- महिला जिसे बच्चे ना हुए हों, या 30 साल की उम्र के बाद बच्चे हुए हों।
- जिसे 12 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स शुरु हो गए हों।
- जिस महिला को 50 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) हुई हो।
- जिस महिला की स्तन के ऊतक काफी घने हों। आपकी मेमोग्राफी करके डॉक्टर ये जानकारी दे सकते है।
- जो महिला गर्भ निरोधक गोलियों का लंबे अर्से से इस्तेमाल कर रही हो।
- जो महिला दिन में 2 से 5 बार शराब का सेवन करती हो।
- जिस महिला को मेनोपॉज के बाद ज्यादा मोटापा आ गया हो।
- जिस महिला ने हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी इस्तेमाल की हो।
- जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करवातीं।
हार्मोन संबंधी कारक
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन नामक हार्मोन से लंबे समय तक सम्पर्क में आने से आपका स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
जीवनशैली संबंधी कारक
लम्बे समय तक प्रतिदिन दो पेग से ज्यादा शराब पीना तथा धूम्रपान से आपका स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है| वजन ज्यादा होना भी स्तन कैंसर का कारण बन सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज – Breast cancer Treatment in Hindi
अगर आपको थोड़ा सा भी संशय हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लीजिये।