डेंगू – Dengue Fever in Hindi

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डेंगू क्या है – What is Dengue in Hindi

डेंगू, मादा एडीज (Female Aedes) मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। मरीज में अगर जटिल तरह के डेंगू का एक भी लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्दी – से – जल्दी डॉक्टर के पास ले जाएं। डीएचएफ ( DHF – Dengue Hemorrhagic Fever) और डीएसएस (DSS – Dengue Shock Syndrome) बुखार डेंगू के दो प्रकार हैं जिनमें प्लेटलेट्स (Platelets) काफी कम हो जाते हैं, जिसके कारण शरीर के जरूरी अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।

डेंगू में प्लेटलेट्स महत्वपूर्ण कारक – Platelets Count in Dengue

डेंगू से कई बार मल्टी – ऑर्गन फेल्योर (Multi Organ Failure) भी हो जाता है। डेंगू बुखार के हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स शरीर में रक्तस्राव (Bleeding) रोकने का काम करती हैं। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन हॉस्पिटल में जाना चाहिए और जरूरी जांच कराने चाहिए। यहां यह ध्यान रखने योग्य बात है कि डेंगू के प्रत्येक मरीज को अस्पताल में  भर्ती की आवश्यकता  नहीं होती है। 

डेंगू में 24 घंटे में 50 हजार से एक लाख तक प्लेटलेट्स तक गिर सकते हैं। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 40-50 हजार प्लेटलेट्स तक रक्तस्राव नहीं होता। डेंगू में कई बार चौथे – पांचवें दिन बुखार कम होता है तो लगता है कि मरीज ठीक हो रहा है, जबकि ऐसे में कई बार प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं।  

डेंगू के लक्षण – Dengue Symptoms in Hindi

  • उल्टी व शरीर पर लाल-लाल दाने निकल आते हैं
  • कमजोरी हो जाती है और चक्कर आते हैं
  • डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़े अलग होते हैं
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के मरीजों में साधारण डेंगू बुखार और डेंगू हैमरेजिक बुखार के लक्षणें के साथ-साथ बेचैनी महसूस हो
  • डेंगू हेमोरेजिक बुखार में उपरोक्त लक्षणों के अलावा प्लेटलेट्स की कमी से शरीर में कहीं से भी खून बहना शुरू हो सकता है, जैसे नाक से, दाँतों व मसूड़ों से, खून की उल्टी व मल में खून आना आदि
  • थकावट व कमजोरी है
  • नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलनेलगती है और रक्त चाप (Blood Pressure) एकदम कम हो जाता है
  • बुखार बहुत तेज होता है
  • सिरदर्द, कमर व जोड़ों में दर्द होता है
  • हल्की खाँसी व गले में खराश महसूस होती है

डेंगू के कारण – Dengue Causes in Hindi

डेंगू मच्छर के काटने से ही होता है। मादा एडीज मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी का कोई अन्य कारण नहीं है। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-

  • खाली बर्तनों को उलटा करके रखें।
  • पक्षियों के खाने- पीने के बर्तनों को हर रोज साफ करें।
  • अगर घर में कूलर है तो उसका पानी दो या तीन दिन बाद अवश्य बदलें।
  • घर में स्थित हौदियों, टैंकरों में पानी को साफ रखने के लिए उसमें क्लोरीन की दो चार गोलियां डाल दें।
  • घर के आस- पास या छत पर पड़े बेकार टायर, ट्यूब, टूटे हुए मटके, खाली डिब्बों आदि में बरसात का पानी इकठ्ठा न होने दें।
  • पार्क में जाते समय या ऐसी जगह जाते समय जहां मच्छरों के काटने का खतरा हो, वहां पूरी  बाजू के कपड़े पहनने चाहिए ताकि मच्छर ना काटें। 
  • मच्छरों से बचने के लिए क्रीम, मच्छरदानी और अन्य उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए। 

डेंगू का इलाज – Dengue Treatment in Hindi

डेंगू से बचाव का सबसे बेहतरीन उपाय है गंदगी का जमा ना होने देना। अगर मादा एडीज मच्छर पनपेंगे ही तो डेंगू होने की आशंका भी बेहद कम होगी। डेंगू होने पर निम्न उपाय करने चाहिए: 

  • साधारण डेंगू बुखार का इलाज घर पर ही हो सकता है। मरीज को पूरा आराम करने दें। उसे हर छह घंटे में पैरासिटामोल (Paracetamol) दें और बार- बार पानी और तरल चीजें ( नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि ) पिलाएं।
  • बच्चों का खास ख्याल रखें।
  • बुखार कम होने के बाद भी एक-दो दिन में एक बार प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट जरूर कराएं। डेंगू में मरीज के रक्तचाप, खासकर ऊपर और नीचे के रक्तचाप के अंतर पर लगातार निगरानी ( दिन में 3-4 बार ) रखना जरूरी है। दोनों रक्तचाप के बीच का फर्क 20 डिग्री या उससे कम हो जाए तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। रक्तचाप गिरने से मरीज बेहोश हो सकता है।

बच्चों में डेंगू की रोकथाम – Treatment of Dengue in Kids

  • बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम (Immune System of Kids) कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें।
  • बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।
  • बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें।
  • मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी – शर्ट न पहनाएं।
  • रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।
  • अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
  • आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ – पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।
  • बच्चे को डेंगू हो तो उसे अस्पताल में रखकर ही इलाज कराना चाहिए क्योंकि बच्चों में प्लेटलेट्स जल्दी गिरते हैं और उनमें डीहाइड्रेशन (पानी की कमी) भी जल्दी होता है।

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