मिर्गी एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति अचानक जमीन पर गिर कर प्रायः अर्द्ध मूर्छितावस्था में रहता है। रोगी को इसका पूर्वाभास भी नहीं होता, कि उसे मिरगी (Epilepsy) का दौरा पड़ने वाला है।
मिर्गी के बारे में – About Epilepsy in Hindi
किसी कारणवश यदि मस्तिष्क में विकार उत्पन्न हो जाये, जैसे चोट लग जाने के पश्चात, संक्रमण की वजह से या किसी रोग विशेष के कारण, तो मस्तिष्क से प्रसारित होने वाले संदेश गड़बड़ा जाते हैं। इसकी वजह से मांसपेशियों की गतिविधियों में विकार उत्पन्न हो। मांसपेशियां झटके देने लगती हैं, ऐंठ जाती हैं या मरोड़ खाने लगाती हैं। इसे ‘कन्वलशन’ (Convulsions) के नाम से जाना जाता है। इसे ही मिरगी का दौरा (Mirgi ke Dore) पड़ना कहा जाता है।
इसमें रोगी हांफता है, मुंह से झाग उगलता है। उसकी आंखें फटी-फटी सी और पलकें स्थिर हो जाती हैं तथा गर्दन अकड़कर टेढ़ी हो जाती है। रोगी हाथ-पैर पटकता है, उसके दांत भिंच जाते हैं और मुट्ठियां कस जाती हैं। वह अजीब सी आवाज करने लगता है। दौरे के समय रोगी को सांस लेने में भी कष्ट होता है।
मिरगी का दौरा जन्म लेने के बाद किसी भी उम्र में पड़ सकता है। स्कूल जाने वाली उम्र के हर 200 में से एक बच्चे को मिरगी का दौरा पड़ता है। इनमें से 10 प्रतिशत को गंभीर दौरे पड़ते हैं। साठ फीसदी मामलों में कोई प्रत्यक्ष कारण सामने नहीं आता।
मिर्गी के लक्षण – Epilepsy Symptoms in Hindi
इन्हें तीन अवस्थाओं में बांटा जा सकता है। प्रथम अवस्था-सारा शरीर तन जाता है। यह अवस्था 30 सेकंड से अधिक नहीं होती, मरीज अपनी जीभ को दांतों से चबा सकता है। कई मरीजों को कपड़ों में पेशाब या पाखाना भी हो जाता है। द्वितीय अवस्था- यह अधिक उग्र होती है, दो से पांच मिनटों तक बनी रहने वाली इस अवस्था के दौरान मरीज को तेल झटके आते हैं। उसके मुंह से झाग निकलकर बाहर बहने लगता है, होंठ और चेहरा नीले पड़े जाते हैं। तृतीय अवस्था-झटके आना बंद हो जाता है। मरीज या तो होश में आ जाता है या वह फिर ऐसी अवस्था में रहता है।
मिर्गी के कारण – Epilepsy Causes in Hindi
मिरगी के दौरे मुख्यत: दिमागी कमजोरी के कारण आते हैं। यह कमजोरी अनुवांशिक या किसी अन्य कारण से भी हो सकती है। मिरगी के दौरे (Mirgi ke Daure) पड़ने के कुछ अहम कारण निम्न हैं:
- यह रोग सामान्यत: मस्तिष्क की कमजोरी के कारण होता है।
- मस्तिष्क में रक्तस्राव होना या खून का थक्का जम जाने (स्ट्रोक) के कारण भी मिरगी के दौरे आते हैं।
- सिर में चोट लगने या मस्तिष्क संक्रमण के कारण
- गर्भावस्था की जटिलताओं की वजह से माता को गर्भावस्था में हुए दिमागी संक्रमण
- दिमाग में कोई गांठ
- दिमागी बुखार
- दिमाग में किसी वजह से सूजन या विषैले पदार्थ का दिमाग में पहुँचना
- अत्यधिक तेज बुखार
- खसरा या गलसूजा
- निम्न रक्तचाप के कारण भी मिरगी की बीमारी हो सकती है।
मिर्गी का इलाज – Epilepsy Treatment in Hindi
मिरगी के मरीज को दौरा आता है जिस दौरान उसके शरीर की गतिविधियां सामान्य नहीं रहती। इस दौरान अगर मरीज को सही उपचार ना मिले तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है। मिरगी का दौरा आने पर निम्न उपाय अपनाने चाहिए:
मिर्गी के दौरे आने पर क्या करें – Treatment of Epilepsy in Hindi
- मरीज को जमीन पर या समतल स्थान पर लिटा दें।
- उसके आसपास से तेज, नुकीली या चुभने वाली वस्तुओं को हटा दें।
- झटकों को आने दिया जाये। जैसे ही झटके बंद हो जायें, मरीज को विश्राम की स्थिति में लिटा दें और उसकी गर्दन एक ओर मोड़ दें ताकि मुंह में जमा लार और झाग बाहर निकल जाए।
- याद रखिये, झटकों के दौरान मरीज में मुंह में कुछ न रखिये, अक्सर मरीज को दांतों पर दांत कसते देख लोग उसके मुंह में चम्मच या अन्य वस्तु रख देते हैं। मगर ऐसा करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है क्योंकि ऐसा वस्तु टूटकर सांस के रास्ते में जा सकती है या मरीज के दांत टूट सकते हैं।
- कसे हुए या बाधा उत्पन्न करने वाले वस्त्रों को निकाल दें।
- इस बीच चिकित्सक से संपर्क कर या तो उसे वहीं बुला लें या फिर मरीज को अस्पताल ले जाएं।